पूरी दुनिया में डिजिटल ट्रांजैक्शन (Digital transaction) के मामले में भारत सबसे आगे है. पेमेंट सिस्टम कंपनी ACI world-wide की वर्ष 2020 की रिपाेर्ट के मुताबिक 2025 तक भारत में डिजिटल ट्रांजेक्शन का इस्तेमाल 71 फीसदी से ज्यादा होगा. वैसे तो डिजिटल पेमेंट का चलन बढ़ ही रहा था, लेकिन कोरोना के बाद इसमें तेजी आई है. रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में 2019 के बाद से डिजिटल पेमेंट में 41 फीसदी बढ़ोतरी हुई है.
2 करोड़ 55 लाख से ज्यादा ट्रांजैक्शन अकेले भारत में
ACI world-wide की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में पूरी दुनिया में 7 करोड़ 3 लाख डिजिटल ट्रांजैक्शन हुए, जो इससे पिछले साल के मुकाबले 41 फीसदी ज्यादा हैं.
इंडस्ट्री भी नए ट्रेंड पर तेजी से कर रही है काम
इस बदलाव को अपनाने के लिए अब बड़े कदम उठाए जा रहे हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पेमेंट बैंकों को बड़ा बूस्ट देते हुए 2 लाख तक डिपॉजिट लेने और नॉन बैंकिंग पेमेंट संस्थानों को RTGS व NEFT की इजाजत दे दी है. इंडस्ट्री भी नए ट्रेंड पर काफी तेजी से काम कर रही है.खतरे भी लेकर आई डिजिटल ट्रांजैक्शन ग्रोथ
डिजिटल ट्रांजैक्शन की ग्रोथ के साथ - साथ साइबर अपराध भी तेजी से बढ़े हैं. फिशिंग , हैकिंग, आईडेंटिटी थेफ्ट जैसे अपराध आम हो चले हैं. इसलिए डिजिटल ट्रांजैक्शन की ग्रोथ के लिए सबसे जरूरी है ट्रांजैक्शन का पूरी तरह से सुरक्षित होना. जानकार मानते हैं कि इसके लिए कंपनियों को भी बड़ी तैयारी करनी होगी. कोरोना काल ने ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को जो गति दी है , वो आगे इस क्षेत्र में कारोबार के बड़े मौके भी लेकर आएगी.4500 कराेड़ रुपये से ज्यादा के हुए लेनदेन
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्राैद्योगिकी मंत्रालय की डिजिटल लेनदेन काे लेकर पिछले महीने संसद में पेश की गई रिपाेर्ट भी दर्शाती है कि भारत में इसका ट्रेंड लगातार बढ़ रहा है. वित्त वर्ष 2019-20 में डिजिटल लेनदेन की संख्या 4572 कराेड़ थी, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में यह 3134 कराेड़ था ताे वर्ष 2017-18 में 2071 कराेड़ का. रिपाेर्ट बताती है कि जनवरी 2020 से अगस्त 2020 डिजिटल लेनदेन की संख्या 3106.64 कराेड़ थी, जिसमें लॉकडाउन के समय यानि मार्च से लेकर मई तक कुल 1050.59 कराेड़ बार लेनदेन हुआ. इसने अनलॉक के बाद से यानि जून से रफ्तार पकड़ी और साल के अंत तक यह 4572 कराेड़ तक पहुंच गया.
Post a Comment